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बुधवार, 20 सितंबर 2023
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भगवान गणेश को नहीं चढ़ाई जाती तुलसी, क्या है इसके पीछे की वजह ************************************युगांतर टाईम
भगवान गणेश को नहीं चढ़ाई जाती तुलसी, क्या है इसके पीछे की वजह ************************************युगांतर टाईम
देशभर में इस समय गणेशोत्सव (Ganesh Utsav) की धूम है. घरों और सार्वजनिक स्थलों पर विघ्नहर्ता की स्थापना कर पूजा-अर्चना की जा रही है. 'बप्पा' को प्रसन्न करने के लिए सिंदूर और दूर्वा जरूर अर्पित की जाती है, सिंदूर को मंगल का प्रतीक माना जाता है. साबुत सुपारी,साबुत हल्दी और जनेऊ भी गजानन को अर्पित किया जाता है.साथ ही मोदक का भोग लगाया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान गणेश (Lord Ganesh) को कभी भी तुलसी (Tulsi) अर्पित नहीं करनी चाहिए. हिंदू धर्म में तुलसी बेहद पवित्र मानी जाती है. भगवान विष्णु को यह अति प्रिय है लेकिन गणेश जी की पूजा के दौरान तुलसी का इस्तेमाल वर्जित माना गया है. इसका जिक्र एक पौराणिक कथा में है.।
इस पौराणिक कथा के अनुसार एक बार गणेशजी गंगा नदी के किनारे तपस्या कर रहे थे. इसी दौरान धर्मात्मज की कन्या तुलसी विवाह की इच्छा लेकर तीर्थ यात्रा पर निकली. देवी तुलसी सभी तीर्थस्थलों का भ्रमण करते हुए गंगा के तट पर पहुंचीं और उन्होंने देखा कि युवा गणेशजी तपस्या में लीन हैं।
शास्त्रों के अनुसार तपस्या में लीन गणेश जी रत्न जटित सिंहासन पर विराजमान थे. उनके समस्त अंगों पर सुगन्धित चंदन लगा हुआ था और गले में पारिजात पुष्पों के साथ स्वर्ण-मणि रत्नों के अनेक सुन्दर हार सुशोभित थे. गजाननकी कमर में अत्यन्त कोमल रेशम का लाल पीताम्बर लिपटा हुआ था.।
श्रीगणेश के इस स्वरूप पर देवी तुलसी मोहित हो गईं. उनके मन में विवाह करने की इच्छा जाग्रत हुई. तुलसी ने जब विवाह की इच्छा से गणेशजी का ध्यान भंग कर दिया तो उन्होंने तुलसी द्वारा तप भंग करने को अशुभ बताया. तुलसी की विवाह की मंशा जानने पर गणेशजी ने खुद को ब्रह्मचारी बताया और प्रस्ताव को ठुकरा दिया.।
विवाह प्रस्ताव ठुकराने पर तुलसी ने नाराज होकर गणेशजी को शाप दिया कि उनके एक नहीं, बल्कि दो विवाह होंगे. इस पर श्री गणेश ने भी तुलसी को शाप दे दिया कि तुम्हारा विवाह एक असुर से होगा. एक राक्षस की पत्नी होने के इस शाप के बारे में सुनकर तुलसी ने गणेशजी से माफी मांगी.।
इस पर गणेशजी ने तुलसी से कहा कि तुम्हारा विवाह शंखचूर्ण राक्षस से होगा. फिर भी तुम भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण को प्रिय होने के साथ ही कलयुग में जगत के लिए जीवन और मोक्ष देने वाली होगी लेकिन मेरी पूजा में तुलसी चढ़ाना शुभ माना जाएगा. इसके बाद से ही भगवान गणेश की पूजा में तुलसी चढ़ाना वर्जित माना जाता है.।
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