15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि , इस शुभ मुहूर्त में करें कलश स्थापना. ***********************************युगांतर टाईम - युगांतर टाइम !! YUGANTAR TIME

Breaking

ad

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Technology

author1. हम सत्य-साधक और कहानीकार हैं 2. हम पत्रकार, डिजाइनर और प्रौद्योगिकीविद हैं, जो दुनिया को सूचित करने, संलग्न करने और सशक्त बनाने के मिशन से एकजुट हैं। 3. हम अपनी पत्रकारिता और अपने उत्पादों में उत्कृष्टता के लिए खड़े हैं। हम आपकी सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कृपया अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हमारी खबरों को शेयर, कमेंट और लाइक करें। मेरे समाचार अपडेट के संबंध में कोई शिकायत कृपया मेरे व्हाट्सएप नंबर पर संपर्क करें.
Learn More →


गुरुवार, 12 अक्टूबर 2023

15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि , इस शुभ मुहूर्त में करें कलश स्थापना. ***********************************युगांतर टाईम

         नवरात्रि के नौ दिन बेहद शुभ होते हैं और पूजा-पाठ करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. यदि आप भी दुर्गा पूजा पर अपने घर में कलश की स्थापना करने वाले हैं तो शुभ मुहूर्त का ध्यान रखते हुए ही कलश स्थापित करें. जानें,  कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, नियम और महत्व.
 15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होने वाली है. शारदीय नवरात्रि का महापर्व आश्विन माह में मनाया जाता है. पूरे 9 दिनों तक दुर्गा मां के नौ स्वरूपों की पूजा-आराधना की जाती है. हिंदू धर्म में नवरात्रि त्योहार का खास महत्व है. इस दौरान लोग माता दुर्गा की विधि-विधान से पूजा-अर्चना और व्रत करते हैं. दसवीं यानी 24 अक्टूबर को दशहरा सेलिब्रेट किया जाएगा. नवरात्रि के प्रथम दिन कलश स्थापना करने का भी विशेष महत्व, लाभ और कुछ नियम होते हैं. हालांकि, शुभ मुहूर्त को देखकर ही कलश स्थापना की जानी चाहिए. मान्यता है कि कलश स्थापना करने से मां दुर्गा प्रसन्न होकर सभी भक्तों की इच्छाओं की पूर्ति करती हैं. उन पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखती हैं.

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या है? 
नवरात्रि के नौ दिन बेहद शुभ होते हैं और पूजा-पाठ करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. यदि आप भी दुर्गा पूजा पर अपने घर में कलश की स्थापना करने वाले हैं और पूरे नौ दिन व्रत पर रहने वाले हैं तो शुभ मुहूर्त का ध्यान रखते हुए ही ये शुभ कार्य करें.  इस वर्ष कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त 15 अक्टूबर को प्रातः 11:38 से दोपहर 12:23 बजे तक है. इस समय अभिजीत मुहूर्त है, जो पूजा पाठ के लिए शुभ माना जाता है.

कलश स्थापना के नियम 

1.  शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ 15 अक्टूबर से हो रहा है. नौ दिनों तक माता भगवती के नौ स्वरूपों की आराधना की जाएगी. इस वर्ष माता भगवती हाथी पर सवार होकर पृथ्वी पर आएंगी, जो शुभ संकेत है.
2. नवरात्रि के शुभारंभ पर कलश स्थापना का विधान है. माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में विधि-विधान से स्थापित किया गया कलश सुख, संपन्नता और आरोग्य लेकर आता है. कलश मिट्टी, सोना, चांदी या तांबा का होना चाहिए. लोहे या स्टील का कलश प्रयोग नहीं करना चाहिए.

3. नवरात्रि के पहले दिन कलश की स्थापना घर की पूर्व या उत्तर दिशा में करनी चाहिए. इसके लिए कलश स्थापना वाली जगह को गंगा जल से शुद्ध करके वहां हल्दी से चौक पूरते हुए अष्टदल बनाना चाहिए.

4. कलश में शुद्ध जल लेकर हल्दी, अक्षत, लौंग, सिक्का, इलायची, पान और पुष्प डालने के बाद कलश के बाहर रोली से स्वास्तिक बनाया जाना चाहिए. इसके बाद, कलश को पवित्र की गई जगह पर स्थापित करते हुए मां भगवती का आह्वान करना चाहिए.

Shardiya Navratri 2023: शुरू होने वाली है नवरात्रि, घर से बाहर निकाल दें ये 5 वस्तुएं, नहीं तो मां दुर्गा हो जाएंगी नाराज!

कलश स्थापना का महत्व
नवरात्रि पर कलश स्थापना किए बिना पूजा अधूरी मानी जाती है. नवरात्रि की शुरुआत बिना कलश स्थापना के नहीं होती है. मां दुर्गा की विधि-विधान से आराधना करने के लिए कलश स्थापना का विशेष महत्व है. इसे ही घटस्थापना भी कहा जाता है. माना जाता है कि यदि गलत मुहूर्त पर घटस्थापना की जाए तो इससे मां दुर्गा अत्यंत क्रोधिक हो सकती हैं. रात के समय और अमावस्या पर कभी भी कलश की स्थापना नहीं करनी चाहिए. कलश स्थापना करने से पूजा सफल माना जाती है. शुभ फल की प्राप्ति होती है. घर में सुख-समृद्धि आती है.

शारदीय नवरात्रि 2023 की महत्वपूर्ण तिथियां
15 अक्टूबर 2023 – प्रतिपदा तिथि, पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी, घटस्थापना16 अक्टूबर 2023 – द्वितीया तिथि, दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाएगी17 अक्टूबर 2023 – तृतीया तिथि, तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा का शुभ दिन18 अक्टूबर 2023 – चतुर्थी तिथि यानी चौथे दिन की जाएगी मां कुष्मांडा की पूजा19 अक्टूबर 2023 – पंचमी तिथि, पांचवें दिन होगी मां स्कंदमाता की पूजा20 अक्टूबर 2023 – षष्ठी तिथि पर की जाती है मां कात्यायनी की पूजा-आराधना21 अक्टूबर 2023 – सातवें दिन, सप्तमी तिथि पर होगी मां कालरात्रि की पूजा22 अक्टूबर 2023 – आठवां दिन, दुर्गा अष्टमी पर मां महागौरी की भक्त करेंगे पूजा-उपासना23 अक्टूबर 2023 – महानवमी यानी नौवें दिन शरद नवरात्रि, व्रत पारण, कन्या पूजन, महागौरी पूजन24 अक्टूबर 2023 – दशमी तिथि पर विजयादशमी (दशहरा), मां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन

.



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

AD HERE

AD HERE
AD HERE

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Advertisement

6/slider/मध्यप्रदेश

Pages