भए प्रगट कृपाला: वस्त्र-आभूषण से सुसज्जित, श्याम शिला में गढ़ी गई, आभामंडल में दशावतार *********************************युगांतर टाईम - युगांतर टाइम !! YUGANTAR TIME

Breaking

ad

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Technology

author1. हम सत्य-साधक और कहानीकार हैं 2. हम पत्रकार, डिजाइनर और प्रौद्योगिकीविद हैं, जो दुनिया को सूचित करने, संलग्न करने और सशक्त बनाने के मिशन से एकजुट हैं। 3. हम अपनी पत्रकारिता और अपने उत्पादों में उत्कृष्टता के लिए खड़े हैं। हम आपकी सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कृपया अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हमारी खबरों को शेयर, कमेंट और लाइक करें। मेरे समाचार अपडेट के संबंध में कोई शिकायत कृपया मेरे व्हाट्सएप नंबर पर संपर्क करें.
Learn More →


सोमवार, 22 जनवरी 2024

भए प्रगट कृपाला: वस्त्र-आभूषण से सुसज्जित, श्याम शिला में गढ़ी गई, आभामंडल में दशावतार *********************************युगांतर टाईम

       राम लला : अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद रामलला की खास तस्वीरें सामने आई हैं। यह वही मूर्ति है जिसे मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है। तस्वीर में रामलला माथे पर तिलक लगाए बेहद सौम्य मुद्रा में दिख रहे हैं। आइये जानते हैं मूर्ति में क्या खास है...
        अयोध्या में आखिर राम लला के दर्शन हो गए। पूरे विधि-विधान के साथ भगवान के बाल रूप की प्राण प्रतिष्ठा हुई। इसी बीच रामलला की मूर्ति की बेहद खास तस्वीरें सामने आई हैं। शृंगार युक्त मूर्ति में भगवान के पूरे स्वरूप को देखा जा सकता है। तस्वीर में रामलला माथे पर तिलक लगाए बेहद सौम्य मुद्रा में दिख रहे हैं।
          भगवान राम के बाल रूप की मूर्ति को गर्भ गृह में स्थापना के बाद सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा कर दी गई है। तस्वीर में रामलला माथे पर तिलक लगाए बेहद सौम्य मुद्रा में दिख रहे हैं। आभूषण और वस्त्रों से सुसज्जित रामलला के चेहरे पर भक्तों का मन मोह लेने वाली मुस्कान दिखाई दे रही है। कानों में कुंडल तो पैरों में कड़े पहने हुए हैं। मूर्ति के नीचे आभामंडल में चारों भाइयों राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न की छोटी-छोटी मूर्तियों की पूजा की गई है।
करीब 200 किलोग्राम वजनी है मूर्ति
मूर्ति की विशेषताएं देखें तो इसमें कई तरह की खूबियां हैं। मूर्ति का वजन करीब 200 किलोग्राम है। इसकी कुल ऊंचाई 4.24 फीट, जबकि चौड़ाई तीन फीट है। कमल दल पर खड़ी मुद्रा में मूर्ति, हाथ में तीर और धनुष है। कृष्ण शैली में मूर्ति बनाई गई है।
         मूर्ति श्याम शिला से बनाई गई है जिसकी आयु हजारों साल होती है। मूर्ति को जल से कोई नुकसान नहीं होगा। चंदन, रोली आदि लगाने से भी मूर्ति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। 
           अयोध्या के श्रीराम मंदिर में तीन मूर्तियों को स्थापित किया गया हैं, जिसमें से एक मूर्ति को गर्भगृह में स्थापित किया गया है। इनके बनने के बाद सबसे बड़ा सवाल तो यह था कि गर्भ गृह में किस रूप में राम लला विराजमान होंगे। मूर्तिकारों ने तीनों मूर्तियों को इतना सुंदर बनाया कि चयन करना कठिन हो रहा था कौन सी सुंदर है और कौन सी उतनी नहीं है। अंततः बाल रूप वाली मूर्ति को राम मंदिर के गर्भ गृह में विराजने का फैसला लिया गया।


     


        

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

AD HERE

AD HERE
AD HERE

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Advertisement

6/slider/मध्यप्रदेश

Pages