Post Top Ad
Responsive Ads Here
Technology
1. हम सत्य-साधक और कहानीकार हैं
2. हम पत्रकार, डिजाइनर और प्रौद्योगिकीविद हैं, जो दुनिया को सूचित करने, संलग्न करने और सशक्त बनाने के मिशन से एकजुट हैं।
3. हम अपनी पत्रकारिता और अपने उत्पादों में उत्कृष्टता के लिए खड़े हैं। हम आपकी सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं
कृपया अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हमारी खबरों को शेयर, कमेंट और लाइक करें।
मेरे समाचार अपडेट के संबंध में कोई शिकायत कृपया मेरे व्हाट्सएप नंबर पर संपर्क करें.
Learn More →
मंगलवार, 23 जनवरी 2024
Home
अयोध्या (भारत)
अयोध्या : रामलला की मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार अरुण योगीराज का योगदान *********************************युगांतर टाईम
अयोध्या : रामलला की मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार अरुण योगीराज का योगदान *********************************युगांतर टाईम
अयोध्या: अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों की गई । इसे करोड़ों लोगों ने अपने घरों और देशभर के मंदिरों में टेलीविजन पर देखा । राम मंदिर के गर्भ गृह पर रामलला की जिस मूर्ति को स्थापित की गई है । उसे मैसूर के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाई है।
कौन है मूर्तिकार अरुण योगीराज
मूर्तिकार अरुण योगीराज कर्नाटक के मैसूर के रहने वाले हैं। उन्होंने रामलला की मूर्ति को दिव्य और अलौकिक स्वरूप प्रदान करने के लिए दिन-रात एक कर दिया था । उन्होंने ना आंख पर लगी चोट की परवाह की और नहीं नींद की।
मूर्तिकार अरुण योगीराज रामलला की मूर्ति बनाते समय चोटिल भी हुए थे । उनकी पत्नी विजेयता ने बताया जब यह कार्य दिया गया, तो हमें पता चला कि इसके लिए उचित पत्थर मैसूर के पास उपलब्ध है। हालांकि वह पत्थर बहुत सख्त था, इसकी नुकीली परत योगीराज जी के आंख में चुभ गई । और उसे ऑपरेशन के जरिए निकाला गया।
51 इंच की है रामलला की मूर्ति
राम मंदिर के गर्भ गृह में रामलला की जिस दिव्य मूर्ति को स्थापित की गई है। वह 51 इंच की है रामलला की मूर्ति शीला पत्थर से बनाई गई है। पत्थर कई मायनों में खास है। दूध से स्नान करने पर भी पत्थर में कोई बदलाव नहीं होगा। हजारो से अधिक वर्षों तक मूर्ति में कुछ बदलाव नहीं आएगा।
योगीराज के गुरु उनके पिता थे, शंकराचार्य की मूर्ति भी बना चुके हैं
योगीराज ने मूर्ति कला की बारीकियां अपने पिता से सीखी। योगीराज ने ही केदारनाथ में स्थापित आदि शंकराचार्य की मूर्ति और दिल्ली में इंडिया गेट के पास स्थापित की गई सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा भी बनाई है।
पृथ्वी पर सबसे भाग्यशाली व्यक्ति हूं :योगीराज
रामलला की मूर्ति के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने कहा मुझे लगता है, कि मैं अब पृथ्वी पर सबसे भाग्यशाली व्यक्ति हूं। मेरे पूर्वजों, परिवार के सदस्यों और भगवान रामलला का आशीर्वाद हमेशा मेरे साथ रहा है। कभी-कभी मुझे ऐसा लगता है कि मैं बहुत ही भाग्यशाली हूं।
Tags
# अयोध्या (भारत)
Share This
About Bhupendra Tiwari
अयोध्या (भारत)
Tags
अयोध्या (भारत)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
AD HERE
Post Bottom Ad
Responsive Ads Here
Advertisement
6/slider/मध्यप्रदेश
Author Details
हम अपनी पत्रकारिता और अपने उत्पादों में उत्कृष्टता के लिए खड़े हैं। हम आपकी सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कृपया अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हमारी खबरों को शेयर, कमेंट और लाइक करें। मेरे समाचार अपडेट के संबंध में कोई शिकायत कृपया मेरे व्हाट्सएप नंबर पर संपर्क करें.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें