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गुरुवार, 28 मार्च 2024
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चैत्र माह के कृष्ण पक्ष के पंचमी,बेहद खास है रंग पंचमी का पर्व, *********************************युगान्तर टाईम
चैत्र माह के कृष्ण पक्ष के पंचमी,बेहद खास है रंग पंचमी का पर्व, *********************************युगान्तर टाईम
(युगान्तर टाईम) हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को रंग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। और देवी-देवता को गुलाल लगाया जाता है। प्राचीन काल में होली के त्योहार को कई दिनों तक मनाया जाता था, लेकिन चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को होली का अंतिम दिन माना जाता था।
रंग पंचमी का पर्व होली के पांच दिन बाद मनाया जाता है।
इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने राधा जी के संग होली खेली थी।
रंग पंचमी के दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है।
हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को रंग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार रंग पंचमी 30 मार्च शनिवार को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यता है, कि इस दिन देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना और गुलाल अर्पित करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है, और जीवन के सभी दुखों से छुटकारा मिलता है।
होली के पांच दिन बाद रंग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। प्राचीन काल में होली के त्योहार को कई दिनों तक मनाया जाता था, लेकिन चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को होली का अंतिम दिन माना जाता था। वैसे रंग पंचमी के त्योहार को देशभर के कई हिस्सों में उत्साह के साथ मनाया जाता है, लेकिन मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में अलग ही नजारा देखने को मिलता है।
इस खास अवसर पर धन की देवी मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। पौराणिक कथा के अनुसार, रंग पंचमी के दिन भगवान कृष्ण ने राधा रानी के संग होली खेली थी। इसी वजह से इस दिन भगवान कृष्ण और राधा रानी को गुलाल लगाया जाता है।
चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि का प्रारंभ 29 मार्च को रात 08 बजकर 20 मिनट से होगा और 30 मार्च की रात्रि को 08 बजकर 20 मिनट पर तिथि का समापन होगा। ऐसे में रंग पंचमी का त्योहार 30 मार्च, शनिवार के दिन मनाया जाएगा।
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